बच्चों पर कविता
तरक्की की नई मंजिल, नए रास्ते तुम्हारे हैं,
तुम्हारा हमसफर है आसमां और चांद-तारे हैं।
मेरे बच्चो निरन्तर बस तुम्हें आगे ही बढ़ना है,
भगत सिंह और गांधी का तुम्हें संदेश पढ़ना है।
तुम आंसू पोंछ लेना उनके जो किस्मत के मारे हैं,
तरक्की की नई मंजिल नए रास्ते तुम्हारे हैं।
उठो भारत का लिख दो नाम सातों आसमानों पर,
दिमागो-दिल को रखना बच्चो तुम ऊंची उड़ानों पर ।
तुम्हारे सामने पर्वत हैं और नदियों के धारे हैं,रास्ते तुम्हारे हैं।
तरक्की की नई मंजिल नए
सदा रखना ख्याल अपने शरीर और अपनी सेहत का,
सहारा तुम को लेना है। हमेशा बच्चो कसरत का ।
गले में हो खराबी तो तुम्हें करने गरारे हैं,
तरक्की की नई मंजिल नए रास्ते तुम्हारे हैं।
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