पगलिया पूजो रे गुरु जी का, चंदन घोल घोल कर।
दोहा – गुरु नाम से बढ़कर दुनिया में, दूसरा नाम क्या होगा,
जिनके पैरों के नीचे जन्नत हो, उसके सर का मुकाम क्या होगा।
पगलिया पूजो रे गुरु जी का, चंदन घोल घोल कर, पुरो पूजन कर लो भक्तो, हाथ को जोड़ जोड़ कर, पुरो पूजन कर लो भक्तो, हाथ को जोड़ जोड़ कर ।।
मेरे बिगड़े काम संवारे, मेरे बिगड़े काम संवारे, मुझ को भव से पार उतारे, मुझ को भव से पार उतारे, मेरे बिगड़े काम संवारे, मुझ को भव से पार उतारे, तेरी सेवा मे रहूंगा, हथ को जोड़ जोड़ के, पगलिया पूजों रे गुरु जी का, चंदन घोल घोल के।।
माला मोगरे की लाओ, माला मोगरे की लाओ, इन हाथो से इत्र लगाओ, इन हाथो से इत्र लगाओ, माला मोगरे की लाओ, इन हाथो से इत्र लगाओ, नही कही जाउंगा मैं गुरुवर, तुमको छोड़ छोड़ के, पगलिया पूजों रे गुरु जी का, चंदन घोल घोल के।।
गुरुवर ऐसे है हमारे, गुरुवर ऐसे है हमारे, करते सब के वारे न्यारे, करते सब के वारे न्यारे, गुरुवर ऐसे है हमारे, करते सब के वारे न्यारे, इनके चरणों को ठूलो रे, भगतो दोड दोड के, पगलिया पूजों रे गुरु जी का, चंदन घोल घोल के।।
इनकी आरती उतारो, इनकी आरती उतारो, इनके चरणों मे शीश झुकालो, इनके चरणों मे शीश झुकालो, इनकी आरती उतारो, इनके चरणों मे शीश झुकालो, इनके जयकारे बोलो रे, भगतो जोर जोर से, पगलिया पूजों रे गुरु जी का, चंदन घोल घोल के।।
पगलिया पूजा रे गुरु जी का, हाथ को जोड़ जोड़ कर, पुरो पूजन कर लो भक्तो, हाथ को जोड़ जोड़ कर, पुरो पूजन कर लो भक्तो, हाथ को जोड़ जोड़ कर ।।
गायक – लक्ष्य गुप्ता।
म्यूजिक – प्रियांशु वर्मा।