थासु बांधी प्रीत ओ बाबा,
अब यूँ ना बिसराओ जी,
एक अरज है थासु बाबा,
हिवड़े से लगाओ जी,
नाकोड़ा रा भेरूजी,
थे पलका में बस जाओ जी,
दर्श बिना अब चेन न आवे,
अब तो दर्श दिखावो जी,
अब तो दर्श दिखावो जी।
थासू बांधी प्रीत की डोरी,
ज्यू चंदा के संग चकोरी राज,
दिलड़ा में थाने बसाऊगी हो,
भेरूजी भक्ति में थारी रम जाऊँगी।।
तर्ज – थाने काजलियो वनालू।
प्यारी प्यारी सूरत थारी,
नैना माही डोले जी,
मन रो मोरिया हिवड़ा माही,
पल पल यु बोले जी,
ओलुड़ी आवे घणी म्हाने,
बेगा सा पधारो जी,
था विण म्हारो कोई नही,
म्हाने एक आसरो थारो जी,
एक आसरो थारो जी।
आँगण चंदन चौक पुराऊँ,
मैं तो कुम कुम कलश सजाऊँ,
राज पलका ने राहों में बिछाऊंगी हो,
भेरुजी थारी सेवा में लग जाऊँगी।।
मन री बाता थे सब जाणों,
थाने के बतावाँ जी,
म्हारे दिल री थे ना सुनो तो,
और किने में सुनावाँ जी,
एक बार म्हाने दर्शन देवो,
नीता सु नेह लगावो जी,
भक्तो ने थे देव भेरूजी,
चरणों माही बिठावो जी,
सगळा कष्ट मिटावो जी। ‘
दिलवर निरख निरख हरखावां,
थाने हिवड़ा माही विठावां राज,
चरणों में उमर बिताऊगी हो,
भेरूजी थासू दूर कदी न जाऊँगी।।
थासू बांधी प्रीत की डोरी,
ज्यू चंदा के संग चकोरी राज,
दिलड़ा में थाने बसाऊगी हो,
भेरूजी भक्ति में थारी रम जाऊँगी।।