भजन :- नगरी नगरी द्वारे द्वारे
टेक : झूमो नाचो गाओ प्रेमी, घड़ी खुशी की आई है
चाँद उतर आया धरती पर, महक रही पुरवाई है
झूमो नाचो गाओ प्रेमी घड़ी खुशी की आई है………..
1. सौ सौ फूल बिछा रखें है, बहुत दिनों से आँगन में-2
चन्दन धूप जला रखा है, इस तन के मन मन्दिर में……….2
मन की साध हुई है पूरी, गूँज रही शहनाई है….झूमो नाचो
2. धन्य विदेशों की धरती जो, अपने भाग्य मनाती है……..2
करती है दीदार नज़ारा, श्री दर्शन का पाती है………2
दशों दिशा में दया निधि की, गौरव महिमा छाई है……झूमो नाचो
3.परमारथ हित परम दयालु, सचखण्ड छोड़ के आते है – 2
जीवों के कल्याण की खातिर, तन पर कष्ट उठाते है – 2
अवधपुरी के राम है सत्गुरु, वृज के कृष्ण कन्हाई है …… झूमो नाचो
4. बरस रही है दशो दिशा में, रहमत की धनघोर घटा – 2
खुशियां भरती है तन मन में, गुरु घर की वनमोर छटा – 2 सुन्दर छवि के दर्शन को, हर आँख यहाँ ललचाई हैं….. झूमो नाचो
5. प्रभु पधारें शान सौ गुणी, आज हुई मैखाने की – 2
बात करों अब अमृत रसके, पीने और पिलाने की -2
भर भर जाम पिलाओं दाता, आज बड़ी तन्हाई हैं…..झूमो नाचो
6. जीओं दाता लाख बरस तक, जी भर खुशियाँ दान करों – 2 आओं प्रेमियों श्री दर्शन की, लहरों में अश्नान करो – 2 जन्म जन्म के शुभ कर्मों से, हमने यह निधि पाई है…… झूमो नचो गाओ प्रेमी, घड़ी खुशी की आई है