चटनी खाने के लाभ
पाकशास्त्र के अनुसार भोज्य पदार्थों को प्रकार से सेवन किया जाता है- पका कर, जैसे दाल, चावल, रोटी, सब्जी आदि; चूस कर जैसे आम इत्यादि फल; चाटकर जैसे शहद, चटनी सत्तू इत्यादि और पीकर जैसे फलादि के जूस, नीं पानी, गन्ने का जूस इत्यादि। चटनी के सेवन से हम बहुत लाभ प्राप्त होते हैं। आइए विभिन्न प्रकार की चटनियों से होने वाले लाभों के बारे में जानते हैं
कच्चे आम की चटनी :
गर्मियों में कच्चा आम सर्वसुलभ होता है। अगर आप कच्चे आम की चटनी का सेवन करते हैं तो यह स्वाद में तो अच्छी लगती ही है, इसके अलावा इसके सेवन से आपको पानी की कमी नहीं होगी। आम की चटनी पाचन के लिए लाभदायक होने के साथ ही पेट से संबंधित रोगों में भी राहत प्रदान कर सकती है।
पुदीना और हरा धनिया की चटनी :
पुदीना और हरा धनिया की चटनी खाने में बहुत स्वादिष्ट तो लगती ही है, पुदीना शरीर को ठंडा बनाए रखने में भी बहुत मदद करता है। इसके अलावा धनिया पत्ती खाने के अपने फायदे होते हैं। गर्मियों में इस चटनी का सेवन करते हैं तो आपको पानी की कमी नहीं होगी। पेट सही रहेगा और पाचन भी दुरुस्त रहेगा।
नारियल, पुदीना और धनिया पत्ती
की चटनी : गर्मियों में इन तीनों को मिलाकर चट बनाएं। इसके सेवन से आप खुद को अंदरू रूप से ठंडा रख सकते हैं। साथ ही पाचन लिए भी इसके बहुत से फायदे देखने को मिल हैं। धनिया पत्ती का इस तरह से सेवन करने आंखों की रोशनी तेज होती है।
धनिया और टमाटर की चटनी :
गर्मियों में दौरान अगर आपने धनिया प की चटनी नहीं खाई हो तो आपका भोजन स्वादिष्ट चटनी के बिना अधूरा है। आम और पुदीना की चटनी तो हम खाते ही हैं लेकि सिर्फ धनिया और उसमें टमाटर डाल कर चटनी तैयार होती है, उसकी बात ही अल होती है। ये चटनी खाने में जितनी स्वादिष्ट होग उतने ही इसके फायदे देखने को मिलते हैं। पेट के लिए बहुत ही लाभदायक होती है।
लौकी की चटनी :
लौकी की चटनी जहां सेहत के लिए लाभदायक है, वहीं इसका जायका बच्चों को भी पसंद आता है। इसे बनाने के लिए इसके छोटे-छोटे टुकड़े काट कर जीरा, मिर्च, हल्दी आदि का तड़का लगा लें और जब लौकी पक जाए तो मिक्सर में ग्राइंड करके इसमें हरा धनिया, हरी मिर्च और ढेर सारा पुदीना डाल कर पौष्टिक चटनी तैयार कर लें।
किशमिश की चटनी :
किशमिश की चटनी बनाने के लिए किशमिश को धोकर एक घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दीजिए। किशमिश को निचोड़ कर मिक्सी जार में डालें। साथ ही बाकी की सारी सामग्री – हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, नमक, टमाटर और नींबू का रस मिलाकर स्वादिष्ट चटनी तैयार करें। किशमिश की चटनी को रोटी, समोसा, परांठा, पकौड़ा आदि व्यंजन के साथ परोसिए।
काजू की चटनी :
अगर सुबह के समय नाश्ते में आपके घर पर डोसा, इडली या परांठा बनाया जाता है तो आप उसके साथ काजू की चटनी बना सकती हैं। इसका क्रीमी टेस्ट काफी यमी होता है। इसे बनाने के लिए आपको काजू चाहिएं और कुछ मसाले। कई लोगों को यह चटनी स्पाइसी अच्छी लगती है तो कुछ को मीठी।
अगर काजू की मीठी चटनी बनानी हो तो आप इसमें इमली या गुड़ का इस्तेमाल कर सकती है। एक पैन लें, जब वह गर्म हो जाए तब इसमें नारियल तेल डाल कर गर्म करें। फिर उसमें काजू को गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करें। अब उसी पैन में सूखी लाल मिर्च डालें और फ्राई करें, आंच धीमी होनी चाहिए। फिर मिक्सर में इन सभी सामग्रियों (प्याज, इमली और नमक) को पीस लें। पेस्ट में थोड़ा पानी भी मिला सकते हैं। आपकी काजू चटनी बिल्कुल तैयार है।
अनारदाना की चटनी :
अनारदाना की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले अनार को अच्छी तरह से धो लें और छील कर दाने निकाल लें। इसके बाद पुदीने के पत्तों को तोड़कर अच्छी तरह धो लें और फिर मिक्सर के जार में अनार के दाने और पुदीने के पत्ते डाल दें और इन्हें पीस लें।। फिर इसमें सभी मसाले जैसे नमक लहसुन, पानी आदि भी डाल दें और इन्हें पोस लें। आप इसे परांठे या चावल के साथ सर्व कर सकती हैं।
मूंगफली की चटनी :
मूंगफली को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, इसलिए डाक्टर भी इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।
हरे प्याज की चटनी :
हरे प्याज में आयरन बहुत अधिक होता है। इस स्वादिष्ट चटनी को हरे प्याज, अदरक, लहसुन और काले नमक के साथ बनाया जाए तो यह स्वाद में चटपटी लगती है। इसे मेथी के परांठे और किसी भी प्रकार के पकौड़ों के साथ खा सकते हैं।
इसे बनाने के लिए सबसे पहले धनिया और हरे प्याज के पत्ते को पानी से धो लें और हरी मिर्च काट लें तथा लहसुन व अदरक को छील लें। अब मिक्सर के जार में कटा हुआ धनिया, कटा हरा प्याज, कटी हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, जीरा, काला नमक और सामान्य नमक डालें तथा थोड़ा पानी मिला कर महीन पीस लें। अब चटनी को कटोरे में निकाल लें और नींबू का रस डाल कर अच्छे से मिक्स करें।
नोट: ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में चटनी का सेवन भी उचित नहीं होता, क्योंकि इसमें हम जो नमक डालते हैं यह उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए हानिकारक होता है।