क्यों तू सुता राम भुला के उठ जाग बंदिया लिरिक्स

क्यों तू सुता राम भुला के उठ जाग बंदिया

क्यों तू सुता राम भुला के, उठ जाग बंदिया,
उठ जाग बंदिया, उठ जाग बंदिया, खुलन भाग बंदिया

उठ होया ए सवेरा, जाप करन दा ए वेला,
दुनिया चार दिनां दा मेला, नाम जप बंदिया।
क्यों तू सुता राम। …

चादर जिन्दगी की तेरी, तूं तां पापां नाल लबेड़ी,
ला लै ज्ञान वाला साबुन, धो लै दाग बंदिया,
नाम जप बंदिया। क्यों तू सुता राम। …

भाग होनगे चंगेरे, जाग खुलेगी सवेरे,
ला लै सत्संग विच डेरे, हो जा पार बंदिया
क्यों तू सुता राम। ….

मन दी नाव तू बनावीं, ऊपर बुद्धि नू बिठावीं,
वागा ज्ञान दीया पा के हो जा पार बंदिया उठ जाग
बंदिया उठ जाग बंदिया क्यों तू सुता राम। ..


प्रेम बिना फिरती नहीं है माला हरी के नाम कीपम्पासुर के घाट घाट पर शबरी करे पुकार राम घर आ जाना
कोई उज्जवल कर्मा वाले सत्गुरु दे वेहड़े बड़दे ने
मन फूला फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे लिरिक्स
तुम्हारे साथ हैं श्री राम तो तुम्हे किस बात की चिंताजदों मन तेरा डोले गुरु नू याद करिया कर लिरिक्स

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