कोशिश कर हल निकलेगा – मोटिवेशनल कविता

कोशिश कर हल  निकलेगा

कोशिश कर हल निकलेगा – Anand Param

कोशिश कर, हल निकलेगा।

आज नही तो, कल निकलेगा।

अर्जुन के तीर सा सध,

मरूस्थल से भी जल निकलेगा।।

मेहनत कर, पौधो को पानी दे,

बंजर जमीन से भी फल निकलेगा।

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,

फौलाद का भी बल निकलेगा।

जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,

गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,

जो है आज थमा थमा सा, चल निकलेगा।।


तुम चलो तो सही – Narendra Verma

“राह में मुश्किल होगी हजार,
तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।

मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।…”

क्यों डरता है – Narendra Verma

“कोने में बैठ कर क्यों रोता है,
यू चुप चुप सा क्यों रहता है।
आगे बढ़ने से क्यों डरता है,
सपनों को बुनने से क्यों डरता है।
तकदीर को क्यों रोता है,
मेहनत से क्यों डरता है।…”

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती – Sohanlal Dwivedi

“लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है

चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है

आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…”


सत्पुरुषों का सत्संग
सिर तो देना ही पड़ेगा
अमृत नाम देकर जीव को ले जाते निजधाम
जुदा सारे जहान से होती है आशिकों की राह
पावन करता है रूह को सत्पुरुषों का सत्संग

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