टैकीकार्डिया की समस्या – कोविड-19
टैकीकार्डिया की समस्या
पिछले दो साल से अधिक समय से दुनियाभर में जारी कोरोना के संक्रमण के चलते लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमितों में हृदय और फेफड़ों से संबंधित गंभीर जटिलताएं देखने को मिली,
वहीं तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन के लक्षण भले ही हलके रहे हो, लेकिन विशेषज्ञ इसे भी काफी खतरनाक मानते हैं।
मसलन कोरोना वायरस ने लक्षणों के साथ दीर्घकालिक रूप से शरीर के कई अंगों पर गंभीर असर डाला है। कई लोगों में ठीक होने के लंबे समय के बाद तक भी दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों में हृदय रोगों के मामले अधिक देखे जा रहे है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो इंफ्लामेटरी दिक्कतें बढ़ सकती हैं, जिसके कारण लोगों को हृदय में सूजन और इससे संबंधित कई तरह की अन्य समस्याएं हो सकती हैं। वहीं कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोविड से ठीक होने के बाद हृदय की जांच करा लेने की सलाह देते हैं।
कोविड-19 रोग को हृदय के लिए बड़े सकट के तौर पर देखा जा रहा है। वर्ल्ड हार्ट फैडरेशन ने महामारी की शुरूआत में ही इसकी आशंका जताई थी कि कोविड-19 इंफ्लामेटरी दिक्कतें बढ़ सकती हैं, जिसके कारण लोगों को हृदय में सूजन और इससे संबंधित कई तरह की अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोविड से ठीक होने के बाद हृदय की जांच करा लेने की सलाह देते हैं।