कोई श्याम सुन्दर से कह दो यह जा के
कोई श्याम सुन्दर से कह दो यह जा के
भुला क्यों दिया मुझे अपना बना के।.
1 .अभी तो मेरी आँखों में आंसू भरे हैं,
जख्म मेरे दिल के अभी भी हरे हैं,
चले गए क्यों श्याम बंसी बजा के,
कोई श्याम सुन्दर से………
2 .अभी तो मैंने तुम को निहारा नहीं है,
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है,
चले गए क्यों दीवाना बना के।
कोई श्याम सुन्दर से………
3 .मेरे दिल की नगरी सूनी पड़ी है,
मंझदार में मेरी नैया पड़ी है
चले जाना फिर किनारे लगा के,
कोई श्याम सुन्दर से……
4 .पहले तो प्रेम की पींघ चढ़ा के,
फिर दूर खड़े मुस्कराने लगे
जब चाह बढ़ी तुम्हें मिलने की,
मुखचन्द्र कैसे छुपाने लगे
कोई श्याम सुन्दर से……
5 .बस एक बार हँसा के ओ शामा,
सारी ऊमर मुझे रुलाने लगे।
करूंगा तो करनी दूर रही,
करुणा निधि बन के सताने लगे।
कोई श्याम सुन्दर से………….
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