कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने-२
दीवाना तो बने मस्ताना तो बने-२
दीवाना बन – मस्ताना बन-२
दीवाना बन – मस्ताना बन-२
कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने-२
1. राणा बोला मीरा से तुम राम कहना छोड़ दे
नाम जपना छोड़ दे गिरधर की प्रीति छोड़ दे
मीरा बोली राणा से अब राम नाही छूटेगा
चाहे मुझको मार दे घनश्याम नाही छूटेगा-२
कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने
जय जय गिरधर गोपाल दर्शन दे दो नंदलाल-२
जय जय गिरधर गोपाल दर्शन दे दो नंदलाल-२
2. राणा ने मीरा को विष का प्याला भेज दिया
मीरा ने अमृत समझ कर विष को घुट घुट कर पिया
मीरा ने अमृत समझ जहर प्याला हस हस पी लिया-२
प्याले मे गिरधर बसा -२ मीरा ने दर्शन किया–जय हो
विष भी अमृत बन गया मीरा ने ऐसा प्रेम किया
कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने-२
दीवाना तो बने मस्ताना तो बने-२
3. राणा बोला मीरा से मीरा बातें दो ही है
या तो गिरधर छोड़ दे या राज पाठ छोड़ दे
चल पड़ी जंगल को मीरा-चल पड़ी रातों को मीरा
महल माड़ी सब छोड़ के,
वृंदावन के धाम को गिरधर से प्रीति जोड़ के-२
कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने-२
दीवाना तो बने मस्ताना तो बने-२
दीवाना बन – मस्ताना बन-२
नाता जग से तोड़ के गिरधर से प्रीति जोड़ के
चल पड़ी रातों को मीरा महल माड़ी सब छोड़ के,
मैं तो तेरी हो गई मेरे श्याम सुंदर जी-२
श्याम सुंदर जी मैं तो तेरी हो गई-२
कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने-२
दीवाना तो बने मस्ताना तो बने-२
4. तत्ते खंभे से लगाया बाप ने प्रहलाद को
भक्त सारे रो पड़े पर तरस ना आया बाप को
सोचा जब भगवान ने चीटीं का रूप बन चक्कर लगाया श्याम ने
ओ दीनाबंदु दीनानाथ मेरी डोर तेरे हाथ
ओ दीनाबंदु दीनानाथ मेरी डोर तेरे हाथ
5. चल पड़ी रातों को मीरा वृंदावन के धाम को
मुख से वह कहने लगी अपने प्रभु के नाम को
हाथ मैं खड़ताल थी पग मैं घुंघरू बांध के
अपनी प्यारे सांवरे को आज ढूंढे गली गली
जय जय गिरधर गोपाल दर्शन दे दो नंदलाल-२
जय जय गिरधर गोपाल दर्शन दे दो नंदलाल-२
कोई मेरे श्याम का दीवाना तो बने-२
दीवाना तो बने मस्ताना तो बने-२