कोई किसी में मगन कोई किसी में मगन लिरिक्स

कोई किसी में मगन कोई किसी में मगन
मैं तो सतगुरु के सत्संग में मगन….
कोई कोठी में मगन कोई कमरा में मगन,
मेरी टूटी है झोपड़िया मैं तो वाही में मगन,
मैं तो सतगुरु के सत्संग में मगन….

कोई मंदिर में मगन कोई भक्ति में मगन,
मैं तो करूं रे भजन मैं तो घर में मगन,
मैं तो सतगुरु के सत्संग में मगन….

कोई हलवा में मगन कोई पूरी में मगन,
मेरे घर में रोटी सब्जी में तो वाही में मगन,
मैं तो सतगुरु के सत्संग में मगन…..

कोई दौलत में मगन कोई शोहरत में मगन,
मैं तो करूं रे भजन में तो वाही में मगन,
मैं तो सतगुरु के सत्संग में मगन….कोई बेटा में मगन

ओ सांवरे रंग ऐसे ना डारों लिरिक्स

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