
ब्रज के उजियारे तुम नंद के दुलारे हो,
किस दिन आन मोहे दर्श दिखाओगे 
शाम कब आओगे गोपाल कब आओगे।
 
1 .ब्रज के उजियारे तुम नंद के दुलारे हो, 
 देवकी-नंद यशोद्धा के दुलारे हो
 मुरली बजा के कब दिल को लुभावोगे
 किस दिन आन..
2 .गज की पुकार सुन नंगे पाँव आए थे,
 नंदा नाई के तुम नौकर कहाए थे 
मीरा जैसी कब मुझे लग्न लगाओगे
 किस दिन आन….
3 .द्रोपदी की लाज रख चीर को बढ़ाया था,
 गणिका के अवगुण पल में भुलाया था,
 मेरा भी कसूर कब दिल से भुलावोगे।
 किस दिन आन…..
4 .लोग कहे आप तो दीनदयाल हो,
 मेरा विश्वास है आप मेरे भगवान हो,
 बिगड़ी बना के कब उजली बनावोगे ।
 किस दिन आन.