आज का विचार
किसी के लिए इतना भी मत गिरो, कि दूसरा कुचल कर चला जाए।
कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए, साधन सभी जुट जाएंगे, बस संकल्प का धन चाहिए ।
भरोसा ‘खुदा’ पर है तो जो लिखा है तक़दीर में वही पाओगे, भरोसा अगर ‘खुद’ पर है तो खुदा वही लिखेगा जो आप चाहोगे ।
कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, हारा वही जो कभी लड़ा नहीं ।
अपमान का बदला झगड़े या लडाई से नहीं लिया जाता, बल्कि शान्ति से कामयाब होकर लिया जाता है।
परिस्थिति की पाठशाला ही इंसान को वास्तविक शिक्षा देती है।
मंजिल पर पहुंचना है तो कभी राह के कांटों से, मत घबराना, क्योंकि कांटे ही तो बढ़ाते हैं रफ्तार हमारे कदमों की।
आदमी धन के पीछे तब तक भागता है, जब तक कि उसका ‘निधन’ नहीं हो जाता।
इतना कड़वा मत बनो कि लोग थूक दें, पर इतना भी मीठा मत बनो कि लोग तुम्हें निगल जाएं।
‘पंचतत्व’ के बने शरीर के ‘पंचतत्व’ में विलीन होने पर दुःख कैसा। घर जाने वाला पथिक मार्ग में मिलने वाले का साथ छोड़ ही जाता है।
उम्र बस बुजुर्ग करती है, सबक तो जिन्दगी देती है।