1. हउमै की आग में जिसने स्वयं को है जारा
खोकर सुख व चैन फिरता वह मारा मारा ।
मालिक के वचनों पर जिसने सर्वस्व वारा ।
छुटकारा पा गमों से जीवन उसने सँवारा ।
2. तलबगार है अगर तू सतगुरु की मेहर का ।
तो देना होगा दिल से सारी हउमै को मिटा ।
खुशियों भरा जीवन जीना चाहे गर सदा ।
हटा विषयों से चित्त प्रीत गुरु शब्द से बढ़ा ।
3. सतगुरु से सीख युक्ति कर ले हउमै का नाश ।
सहजे ही हो जाएगा हृदय दिव्य प्रकाश ।
मिटा कर भरम भुलेखे कर सत्संग में वास ।
शीतल शांत हो जा पाके गुरु का आशीर्वाद ।