तितली पर कविता | Poem on Butterfly 🦋

तितली पर कविता

मनोहर और रंग बिरंगी, फूल बने हैं इसके संगी।

आत्मबल और विश्वास, मिल जाएंगे तितली पास।

बच्चों के मन तितली भाती, ठुमक ठुमक कर, खूब नाच दिखाती ।

मौन धारे या शोर मचाए, पंख फैलाकर उड़ती जाए।

रंगों की है रानी यह, कितनी बड़ी स्यानी यह ।

पकड़ में नहीं आती तितली,

सबके मन को भाती तितली ।

नटखट बालक पकड़ें इसको,

धागों से भी जकड़ें इसको ।

खिलते फूल जहां दिख जाएं,

तितली को वे खूब रिझाएं।

सजी-संवरी फूल-क्यारी,

तितली को भी लगे प्यारी।

सबका मन हर्षाए तितली,

प्रसाद का मन भाए तितली ।

-रामप्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’

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