जूते घर के बाहर क्यों उतारने चाहिए ? – इनडोर प्रदूषण में इनकी बड़ी भूमिका

जूते घर के बाहर

जूते व फर्श पर मौजूद कुछ सूक्ष्मजीव दवा प्रतिरोधी रोगजनक

जूते घर के बाहर – आप जब कभी कीचड़ या किसी अन्य गंदी चीज पर पांव रख देते हैं तो अपने जूतों को साफ करते हैं, लेकिन जब आप घर पहुंचते हैं, तो क्या अपने जूते हमेशा दरवाजे के बाहर उतारते हैं?

बहुत से लोग यह सोचते भी नहीं हैं कि वह अपने जूतों के साथ अपने घर के भीतर क्या ला रहे हैं। हम पर्यावरण कैमिस्ट हैं, जिन्होंने एक दशक तक घर के अंदर के वातावरण और लोगों को अपने घरों में किन दूषित पदार्थों का सामना करना पड़ता है, इस बात की जांच की है।

हालांकि, हमारे डस्टसेफ कार्यक्रम के माध्यम से, घर के अंदर के वातावरण की हमारी परीक्षा अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन इस सवाल पर कि जूता घर के बाहर उतारना चाहिए या नहीं, विज्ञान जूता घर के बाहर उतारने की हिमायत करता है। अपनी गंदगी दरवाजे के बाहर छोड़ना सबसे अच्छा है।

बिना जूते के घर के फायदे

पर्यावरणीय स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जूता-मुक्त घर होने का कोई नुक्सान नहीं है। अपने जूतों को एंट्री मैट पर छोड़ने से संभावित हानिकारक रोगजनकों को भी वहां छोड़ दिया जाता है।

हम सभी जानते हैं कि रोकथाम उपचार से कहीं बेहतर है और दरवाजे पर जूते उतारना हम में से कई लोगों के लिए एक बुनियादी और आसान रोकथाम गतिविधि हो सकती है।

आपके घर में कौन से संदूषक है और वे वहां कैसे पहुंचे ?

लोग अपना 90% समय घर के अंदर बिताते हैं, इसलिए घर में जूते पहनने या न पहनने का सवाल कोई मामूली नहीं है।

नीति का मुख्य ध्यान आम तौर पर मिट्टी, वायु गुणवत्ता और पर्यावरणीय सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों के लिए बाहरी वातावरण पर होता है।

हालांकि, इनडोर वायु गुणवत्ता को लेकर भी नियामक रुचि बढ़ रही है। आपके घर के भीतर जो पदार्थ जमा हो रहे हैं, उनमें सिर्फ लोगों द्वारा लाई गई धूल और गंदगी तथा पालतू जानवरों के झड़ने वाले बाल या त्वचा ही नहीं होती है।

इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा बाहर से आता है, या तो हवा के साथ उड़कर घर के भीतर आ जाता है और या फिर आपके जूतों के साथ घर में घुस आता है।

जूते और फर्श पर मौजूद कुछ सूक्ष्मजीव दवा प्रतिरोधी रोगजनक हैं, जिनमें अस्पताल से जुड़े संक्रामक एजेंट (कीटाणु) शामिल हैं जिनका इलाज करना बहुत मुश्किल होता है।

-मार्क पैट्रिक टेलर, मैक्केरी यूनिर्विसटी और गेब्रियल

फिलिपेली, इंडियाना यूनिर्विसटी एनवायर्नमेंटल रेजिलिएंस

इंस्टीच्यूट

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