हरिवंश राय बच्चन कविता – कोयल

हरिवंश राय बच्चन कविता कोयल अहे, कोयल की पहली कूक ! अचानक उसका पड़ना बोल, हृदय में मधुरस देना घोल, श्रवणों का उत्सुक होना, बनना जिह्वा का मूक ! कूक, कोयल, या कोई मंत्र, फूँक जो तू आमोद-प्रमोद, भरेगी वसुंधरा की गोद ? कायाकल्प – क्रिया करने का ज्ञात तुझे क्या तंत्र ? बदल अब … Read more

अटल बिहारी वाजपेयी कविता जो दिल को छू जाएं

अटल बिहारी वाजपेयी कविता श्री अटल बिहारी वाजपेयी मूलतः कवि थे। जीवन के आरम्भिक वर्षों में उन्हें अपने घर का जो साहित्य-सौरभमय वातावरण मिला उससे उनके कोमल मन में नयी भाव-भंगिमाओं का उन्मेश हुआ। उनके बाल-मन में विश्व की एक विराट कल्पना; भारतीय जन-जीवन-समाज की सार्थक सोच जागी थी, जिसका विकसित रूप उनके महान व्यक्तित्व … Read more