साधना पर कविता || Sadhna Poetry

साधना पर कविता

साधना पर कविता


पथ साधना का बड़ा निराला,

अध्यात्म भाव जगाने वाला।

जीवों को यह सब तरह से निहाल कर जाए,

साधना नहीं कंगाल बनाए ।

प्रेरणा का पुंज है यह, मानो मधुवन-कुंज है यह।

साधक का यह हुनर निखारे, एक तप बड़ा यह है प्यारे ।

कल्याण मार्ग का विस्तार,

साधना करे झट तैयार ।

अष्टांग योग साधक करे, रे ! साधना का जब दम भरे ।

मोह-माया से रह कर दूर, साधक करे साधना भरपूर । –

देहगत आसक्ति को नकारे, साधक करे कर्म न्यारे ।

‘प्रसाद’ भी साधना कर जाए, बल पौरुष को खूब बढ़ाए।

-रामप्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’

पुस्तकों से ज्ञान

Hariyali Teez Vrindavan

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