जय सच्चिदानंद जी का अर्थ|jai sachidanand ji
जय सच्चिदानंद जी “जय सच्चिदानंद जी”, शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है – सत्त, चित्त और आनंद. ये तीनों… Read More
संतो का संग है सत्संग ,मन को शांत रखने की दवाई है सत्संग , आत्मा की खुराक है सत्संग
सत्संग का प्रभाव महान् है जो भी सत्संग-महापुरुषों के वचन सुनता है, मनन करता है और उनपर अमल करता है उसका जीवन सफल हो जाता है। वह आत्मिक उन्नति की ओर निरन्तर बढ़ता है। महापुरुषों के वचन जीव के मन पर गहरी छाप छोड़ जाते हैं, जिनके प्रभाव से जीव का आत्म कल्याण होता है।
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सिमरण की आदत 🌹 *सिमरण की आदत डालने के लिए ऐसा करें 👇🏻: * ये ना कहें कि सिमरन के… Read More
------ जब ध्यान न लगे, तब हम क्या करें ------ एक बार संत कबीर साहब जी का एक शिष्य उनसे… Read More
शीर्षासन योगासनों में शीर्षासन को सबसे अच्छा माना गया है। इस आसन को कई नामों से जाना जाता है जैसे-… Read More
गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा का सनातन परम्परा में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु का आशीर्वाद ही कल्याणकारी एवं ज्ञानवर्धक… Read More
Guided Meditation Guided Meditation - सुमिरण ध्यान करने की विधि बैठ कर एकांत में योगी, मन इन्द्रियों को वश करे… Read More
बूझो तो जाने - दोहा सांझ पड़ी दिन ढल गया, बाघन घेरी गाय । गाय बिचारी न मरै, बाघ न… Read More
हमारी आत्मा की अवस्थाएँ क्या आप जानते हैं - कि वेदादि ग्रंथों में हमारी आत्मा की पाँच अवस्थाएँ वर्णित हैं—… Read More
अत्यन्त प्रयत्न उत्तर - प्रयत्न कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। यदि एक पत्थर ग्यारह बार चोट लगाने पर टूटता है… Read More
उत्तर -यह सत्य है कि परमात्मा प्रत्येक के हृदय में निवास करते हैं। जब व्यक्ति बुरे कर्म करने में तत्पर… Read More
क्या यह सत्य है क्या यह सत्य है कि जिसने नाम-दीक्षा ग्रहण की हो वह चाहे कैसे भी कर्म क्यों… Read More
कई मनुष्य नियम से सत्संग में जाते हैं। उनका व्यवहार और व्यक्तित्व ठीक नहीं होता, तब सुसंगति का क्या महत्त्व… Read More