तेरा शुकराना – मेरे उठने से मेरे सोने तक के लिए तेरा शुकराना
मेरे उठने से मेरे सोने तक के लिए तेरा शुकराना मेरे उठने से मेरे सोने तक के लिए तेरा शुकराना…मेरी… Read More
पुस्तकों से ज्ञान कितना भी कर लो अर्जित,
सब थोथा है, पूरे सतगुरु बिना ।
केवल गुरु ही हैं सच्चे ज्ञान के दातार भण्डार,
आकर चरणों में उनके अज्ञानता ले मिटा ।
मेरे उठने से मेरे सोने तक के लिए तेरा शुकराना मेरे उठने से मेरे सोने तक के लिए तेरा शुकराना…मेरी… Read More
कविता- पावन करता है रूह को पावन करता है रूह को सत्पुरुषों का सत्संग। बना ले इसको अपने जीवन का… Read More
सिर तो देना ही पड़ेगा - कविता 1. सिर तो देना ही पड़ेगा काल को या दयाल को । प्रेम… Read More
कविता - अमृत नाम देकर अमृत नाम देकर जीव को ले जाते निजधाम । केवल पूर्ण सतगुरु ही हैं जो… Read More
कविता जुदा सारे जहान से होती है आशिकों की राह । हठ छोड़कर बढ़ते रहते बिना चिंता और चाह ।… Read More
1. हउमै की आग में जिसने स्वयं को है जारा खोकर सुख व चैन फिरता वह मारा मारा । मालिक… Read More
कविता- सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा सतगुरु जी ने राग द्वेष का परदा दूर किया । कर इनायत… Read More
॥ कविता ॥ - पुस्तकों से ज्ञान पुस्तकों से ज्ञान कितना भी कर लो अर्जित,सब थोथा है, पूरे सतगुरु बिना… Read More
॥ कविता ॥ - कथनी और करनी का भेद अड़सठ तीरथ कर ले चाहे काशी और हरिद्वार,पढ़ ले पुराण अठारह,… Read More
॥ कविता ॥ - अमृत पैदा होता है अमृत पैदा होता है सतगुरु के शब्द से,अमर हो जाता है वह… Read More