सतगुरु कृपा ! सतिगुरु होइ दइआलु त सरधा पूरीऐ

सतगुरु कृपा सतगुरु कृपा – सद्गुरु की कृपा में ही सारी खुशियां निहित हैं। उनके चरणों में सब सुख समाए हुए हैं। जो भी इनका आश्रय लेता है उसे किसी प्रकार का भय नहीं रहता। वह निर्भय पद को प्राप्त करता है। गुरुवाणी में सद्गुरु की दया की बढ़ाई इस प्रकार की गई है सतिगुरु … Read more

interesting fact

interesting fact एक भालू एक घोड़े के बराबर दौड़ सकता है। भारत में करीब 16 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं। दुनिया के 79% लोग रात में सोते वक्त अपने पुराने समय के बार में ही सोचते रहते हैं। तेंदुआ रात के अंधेरे में भी अच्छी तरह देख सकता है। न्यूटन के तारे की … Read more

आज का विचार

आज का विचार किसी के लिए इतना भी मत गिरो, कि दूसरा कुचल कर चला जाए। कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए, साधन सभी जुट जाएंगे, बस संकल्प का धन चाहिए । भरोसा ‘खुदा’ पर है तो जो लिखा है तक़दीर में वही पाओगे, भरोसा अगर ‘खुद’ पर है तो खुदा वही … Read more

दिव्य संगीत – संगीत का अतुलनीय आनन्द

दिव्य संगीत दिव्य संगीत आत्म-विज्ञान जो मनुष्य और उसके निर्माता से सम्बन्धित है, उतना ही प्राचीन है, जितनी यह सृष्टि। यह एक ऐसा सत्य है जो सदा से चलता आ रहा है और भविष्य में भी सदा चलता ही रहेगा। संभवतः यही एकमात्र ऐसा विज्ञान है जो स्वरूपतः पूर्ण है, जिसमें किसी परिवर्तन की संभावना … Read more

THE SACRED NAME

THE SACRED NAME THE SACRED NAME Everyone in this world is addressed by some name. However, are these names the real ones? The Spiritual Master enlightens us that all the worldly names and identities are false. They will perish one day. That is why the Gracious Saints always emphasize chanting the Sacred Name of the … Read more

WORLDLY OCEAN

WORLDLY OCEAN WORLDLY OCEAN Generally, the world is addressed as a house of sorrows. According to Saints, it is a terrible ocean. If we ponder over the condition of ordinary worldly people, we see the scenes of sorrow, imagination, unrest, and tribulation. It looks like the waves of tribulation, imagination, and unrest are rising in … Read more

मीराबाई

मीराबाई मीराबाई श्रीगिरिधर आगे नाचूँगी ,नाच नाच पिया रसिक रिझाऊँ, प्रेमीजन को जाचूँगी।प्रेम, प्रीति के बांध घुँगरु सूरत की कचनी काचूँगी ॥ लोक लाज कुल की मर्यादा या मैं एक ना राखूँगी। पिया के पलंगा जा पडूंगी मीरा हरि रंग राचूँगी । “मैं गिरिधर गोपाल के आगे नाचूँगी, मैं उस समय तक नाचती रहूँगी जब … Read more

Shri Swami Swarupanand ji

Shri Swami Swarupanand ji Shri Swami Swarupanand ji का अवतरण बसन्त की सुहानी ऋतु ऋतुराज बनकर आई। कलियाँ मुसकान खिल उठीं। नव पल्लवों ने कोमलांगों द्वारा ऋतुराज का स्वागत किया। भ्रमर पुष्प पुष्प पर गुंजार भरने लगे। हरी-हरी दूब ने पृथ्वी को मखमली गलीचे से ढक दिया। नभ से देवता भी हर्षित होकर पुष्पवृष्टि करने … Read more

Shri Swami Advait Anand ji Maharaj

Swami Advait Anand ji श्री श्री 108 श्री स्वामी अद्वैत आनन्द जी महाराज Shri Swami Advait Anand ji का अवतरण भारत के नभोमण्डल पर खुशियों का एक नया रंग छा रहा था। जन जन का हृदय आनन्द में विभोर हो रहा था। चारों दिशाओं से वायु सुगन्धि छिटकाने लगी। न जाने इतना उल्लास कहां से … Read more

shri nangli sahib

shri nangli sahib – श्री नंगली निवासी भगवान सन्त-महापुरुष धुरधाम से पारमार्थिक कार्य की पूर्ति के लिए अवतरित होते हैं और इसी कार्य को ही करने में संलग्न रहते हैं। आप भी इसी नियमानुसार पारमार्थिक कार्य करते हुए प्रत्येक स्थान को अपने चरण कमलों से भाग्यशाली बना रहे थे। अब आप श्री नंगली साहिब पधारे … Read more