आनंद संदेश

दिल को छूने वाले

श्री परमहंस दयाल जी के आत्मा को छूने वाले जबरदस्त – पांच इर्शाद

दिल को छूने वाले—-

  1. खुदा की बंदगी करो, वरना ..
  2.  ख़ुदा की रजा और उसकी दी ..
  3. जिस बात के करने को ख़ुदा ने
  4. यदि पाप का विचार रखते हो तो ….
  5. शान सिर्फ ख़ुदा के लिए ….[read more]

 गुरुमति

गुरुमति को धारण करना क्यों जरूरी है

 गुरुमति – महर्षि वशिष्ठ जी ने जब भगवान श्री रामचन्द्र का उपदेश देना प्रारम्भ किया तो भगवान श्री रामचन्द्र जा बार बार उनसे सवाल पछने लगे। महर्षि वशिष्ठ जी न उनसे पूछा कि आप हमें यह बताएं कि आप ..[आगे पढ़े]

मनुष्य शरीर किसका द्धार

मनुष्य शरीर किसका द्धार ?

मनुष्य शरीर किसका द्धार-मनुष्य शरीर ही वह ठाकुर द्धार है जहाँ उस ठाकुर या प्रभु ने अपने रहने के लिए स्वयं स्थान सृजन किया है। केवल मनुष्य-देह ही वह सच्चा हरि-मन्दिर है क्योंकि इसके ..[आगे पढ़े]

सत्संग का प्रभाव

सत्संग का शक्तिशाली प्रभाव

सत्संग का शक्तिशाली प्रभाव है हमारे मन को निरन्तर सत्संग के प्रकाश की ज़रूरत है सत्संगति की प्राप्ति भाग्योदय की निशानी है विश्वामित्र तपस्वी थे और वशिष्ठ जी सत्संगी थे।इन दोनों में ..[आगे पढ़े]

आरती पूजा का अर्थ

श्री आरती पूजा का अर्थ क्या है ?

 आरती पूजा का अर्थ – ‘आ-रती’ शब्द का अर्थ है, आत्मा का प्रभु परमात्मा की ओर प्रेम तथा आकर्षण। बाह्य रूप में प्रज्वलित ज्योति से पूजा की जाती है इस प्रज्वलित जोत का गहरा अर्थ है …[आगे पढ़े]

आज्ञा का पालन

आज्ञा का पालन क्यों जरूरी है ?

एक बार एक राजा ने यह राजकीय घोषणा करवाई कि वह किसी भी रात को अमुक गाँव में आयेगा और जिस घर में दीपक जल रहा होगा, वह उसी घर …[आगे पढ़े]

आनंद

आनंद के स्त्रोत कहाँ है ?

आनंद के स्त्रोत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है – आत्म- साक्षात्कार ।सतगुरु से दीक्षा लेने बाद ही आनंद के स्त्रोत का अनुभव कर सकते है एक नट था। उसके परिवार में वह स्वयं, उसकी पत्नी तथा [आगे पढ़े]

आनंद

बाली का भगवान राम जी से प्रश्न करना

बाली के हृदय में तो प्रेम है परन्तु ऊपर से भगवान् की ओर देखकर कहता है-‘प्रभु! आप मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। आप धर्म की स्थापना करनेवाले हैं। आपका अवतार ही …[आगे पढ़े]

नेक कमाई

नेक कमाई के अनार ने ठीक किया सेठ का बेटा

एक बड़े धनवान् सेठ का इकलौता बेटा बहुत बीमार था और किसी भयानक रोग से बहुत पीड़ित था।हक़ीम ने बतलाया कि अगर इसको अनार के दाने खिलाये जायें …[आगे पढ़े]

 महापुरुष

महापुरुष ने अपने सोये हुए शिष्य को साँप से बचाया

सन्त ने कहा- “ऐ साँप! तुझे मेरे शिष्य का खून पीना है या जान लेनी है?”साँप बोला-‘मुझे तो खून पीना है।’सन्तों [आगे पढ़े]

आनंद के स्त्रोत

रात्रि के बारह बजे खाँड कौन दे?

भाई को रात्रि में कुछ चाय पीने की आदत थी। वे रात्रि के बारह बजे चाय बनाने को तैयार हुए।चाय मिले तो [आगे पढ़े]

धन

हमारे धन को कौन ले जाता है आखिर ?

परिणाम यह होता है कि या तो उनका धन चोर ले , जाते हैं या राजा दण्ड लगा देता है या फिर अग्नि की भेंट हो जाता है। उनके पास वह धन रहता नहीं। …. [आगे पढ़े]

आत्मा-सागर की एक बूँद

एक शिष्य ने एक बार अपने सद्गुरुदेव से प्रश्न किया

“गुरुदेव! परमात्मा तो अनन्त है, सर्वशक्तिमान् है” फिर किस प्रकार हमारी आत्मा जो अत्यन्त सूक्ष्म है, उसमें परमात्मा विद्यमान है?” सद्गुरु ने कहा, “प्रेमी! जरा जाओ, मेरे लोटे में गंगाजल ले आओ।” …. [आगे पढ़े]